अवमूल्यन को समझना: परिभाषा, कारण और प्रभाव
अवमूल्यन अन्य मुद्राओं की तुलना में किसी मुद्रा के मूल्य में कमी है। इसका मतलब है कि मुद्रा अन्य मुद्राओं की तुलना में कम मूल्यवान या कमजोर हो जाती है, इसलिए उस मुद्रा का उपयोग करने वाले लोगों के लिए सामान और सेवाएं अधिक महंगी हो जाती हैं। उदाहरण के लिए, यदि यूरो (EUR) के मुकाबले अमेरिकी डॉलर (USD) का अवमूल्यन होता है, तो इसका मतलब है कि एक USD का मूल्य अब पहले की तुलना में कम यूरो रह गया है। इससे यूरोपीय देशों के लिए अमेरिका से निर्यात अधिक महंगा हो सकता है, जिससे संभावित रूप से मांग में कमी आ सकती है और अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
अवमूल्यन जानबूझकर या अनजाने में हो सकता है। जानबूझकर अवमूल्यन तब होता है जब कोई सरकार निर्यात को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए जानबूझकर अपनी मुद्रा का मूल्य कम करती है। अनजाने में अवमूल्यन तब होता है जब सरकार के नियंत्रण से परे आर्थिक या राजनीतिक कारकों, जैसे व्यापार घाटा या भू-राजनीतिक तनाव के कारण मुद्रा का मूल्य कम हो जाता है।