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आइसोजाइम को समझना: जैविक प्रक्रियाओं में कार्य, गुण और भूमिकाएँ

आइसोजाइम एक एंजाइम का एक रूप है जिसका कार्य समान होता है लेकिन इसके अमीनो एसिड अनुक्रम या संरचना में भिन्नता होती है। आइसोजाइम का उत्पादन मैसेंजर आरएनए (एमआरएनए) के वैकल्पिक स्प्लिसिंग के माध्यम से या एंजाइम प्रोटीन के फॉस्फोराइलेशन या ग्लाइकोसिलेशन जैसे पोस्ट-ट्रांसलेशनल संशोधनों के माध्यम से किया जाता है।

आइसोजाइम का कार्य मूल एंजाइम के समान ही होता है लेकिन इसमें अलग-अलग गुण हो सकते हैं, जैसे:

* सब्सट्रेट विशिष्टता: आइसोजाइम में अलग-अलग सब्सट्रेट प्राथमिकताएं या बाध्यकारी समानताएं हो सकती हैं। या अवरोधकों की उपस्थिति। आइसोजाइम चयापचय, सिग्नल ट्रांसडक्शन और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया सहित विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, ग्लाइकोलाइसिस, ग्लूकोनियोजेनेसिस और साइट्रिक एसिड चक्र में शामिल एंजाइमों के कई आइसोजाइम होते हैं, जिनमें से प्रत्येक के अलग-अलग कार्य और गुण होते हैं। जेल इलेक्ट्रोफोरेसिस, वेस्टर्न ब्लॉटिंग या मास स्पेक्ट्रोमेट्री जैसी तकनीकों का उपयोग करके आइसोजाइम की पहचान की जा सकती है। सेलुलर चयापचय और सिग्नलिंग मार्गों की जटिलताओं को समझने के लिए आइसोजाइम के कार्य और विनियमन को समझना महत्वपूर्ण है।

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