


एपिडीडिमिस को समझना: कार्य, संरचना और महत्व
एपिडीडिमिस एक ट्यूब जैसी संरचना है जो पुरुषों में अंडकोष के पीछे स्थित होती है, और यह शुक्राणु की परिपक्वता और परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एपिडीडिमिस लगभग 6 से 7 इंच (15 से 18 सेंटीमीटर) लंबा होता है और तीन भागों से बना होता है: कैपट, कॉर्पस और कॉडा।
एपिडीडिमिस शुक्राणु परिपक्वता और परिवहन से संबंधित कई कार्यों के लिए जिम्मेदार है:
1. शुक्राणु की परिपक्वता: एपिडीडिमिस एक ऐसा वातावरण प्रदान करता है जहां अपरिपक्व शुक्राणु परिपक्व हो सकते हैं और अंडे को निषेचित करने की क्षमता प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में लगभग 20 से 30 दिन का समय लगता है।
2. शुक्राणु का भंडारण: एपिडीडिमिस परिपक्व शुक्राणु के लिए भंडार के रूप में कार्य करता है, उन्हें तब तक संग्रहीत करता है जब तक कि वे स्खलन के दौरान जारी होने के लिए तैयार न हो जाएं।
3. शुक्राणु का परिवहन: एपिडीडिमिस वास डेफेरेंस से जुड़ा होता है, जो स्खलन के दौरान परिपक्व शुक्राणु को अंडकोष से मूत्रमार्ग तक ले जाता है।
4। पीएच का विनियमन: एपिडीडिमिस वीर्य द्रव के पीएच को विनियमित करने में मदद करता है, जो शुक्राणु के अस्तित्व और गतिशीलता के लिए महत्वपूर्ण है।
5. प्रतिरक्षा कार्य: एपिडीडिमिस एंटीबॉडी का उत्पादन करता है जो शरीर को संक्रमण और बीमारी से बचाने में मदद करता है। कुल मिलाकर, एपिडीडिमिस पुरुष प्रजनन प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, यह सुनिश्चित करता है कि निषेचन और प्रजनन की सुविधा के लिए परिपक्व शुक्राणु का उत्पादन और परिवहन ठीक से किया जाता है।



