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क्विलाई: सांस्कृतिक महत्व और व्यावहारिक उपयोग वाली एक पारंपरिक टोपी

क्विलाई (जिसे किलय या केले भी कहा जाता है) मध्य पूर्व और मध्य एशिया के कुछ हिस्सों, विशेष रूप से अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान में पुरुषों द्वारा पहनी जाने वाली एक पारंपरिक टोपी है। यह ऊनी या सूती कपड़े से बनी एक नरम, गोल टोपी होती है, आमतौर पर सामने एक छोटा किनारा और पीछे एक ऊंचा मुकुट होता है। क्विलाई को अक्सर कढ़ाई या अन्य प्रकार के अलंकरण, जैसे लटकन या पोम-पोम्स से सजाया जाता है। कुछ क्षेत्रों में, क्विलाई को सांस्कृतिक पहचान और विरासत के प्रतीक के रूप में पहना जाता है, जबकि अन्य में इसे हेडवियर के व्यावहारिक टुकड़े के रूप में उपयोग किया जाता है। पहनने वाले के सिर और कानों को तत्वों से बचाने के लिए। क्विलाई को कुछ फैशन डिजाइनरों द्वारा पुरुषों और महिलाओं के लिए एक स्टाइलिश एक्सेसरी के रूप में भी अपनाया गया है।

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