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घटना विज्ञान और घटनावाद को समझना: मुख्य अंतर और समानताएँ

फेनोमेनोलॉजी एक दार्शनिक आंदोलन है जो 20वीं सदी की शुरुआत में मुख्य रूप से यूरोप में उभरा। यह सचेत अनुभव या धारणा के अध्ययन पर केंद्रित है, जो अक्सर वस्तुनिष्ठ वास्तविकता के अधिक पारंपरिक अध्ययनों के विरोध में होता है। फेनोमेनोलॉजिस्ट सचेतन अनुभव की अंतर्निहित संरचनाओं और अर्थों को उजागर करना चाहते हैं, अक्सर आत्मनिरीक्षण और फेनोमेनोलॉजिकल रिडक्शन जैसी तकनीकों का उपयोग करते हैं। फेनोमेनोलॉजी मनोविज्ञान, समाजशास्त्र और साहित्यिक आलोचना जैसे क्षेत्रों में प्रभावशाली रही है, और प्रकृति के बारे में दर्शनशास्त्र में बहस में योगदान दिया है। वास्तविकता, ज्ञान और व्यक्तिपरकता। घटना विज्ञान से जुड़ी कुछ प्रमुख हस्तियों में एडमंड हुसरल, मार्टिन हेइडेगर, जीन-पॉल सार्त्र और मौरिस मर्लेउ-पोंटी शामिल हैं। घटनावाद एक दार्शनिक सिद्धांत है जो वस्तुनिष्ठ वास्तविकता पर सचेत अनुभव या धारणा की प्रधानता पर जोर देता है। इसका तर्क है कि हमारे अनुभव और धारणाएं बाहरी वस्तुओं या संरचनाओं के बजाय वास्तविकता के मूलभूत निर्माण खंड हैं। फेनोमेनिस्ट चेतन अनुभव की अंतर्निहित संरचनाओं और अर्थों को उजागर करना चाहते हैं, अक्सर आत्मनिरीक्षण और घटना संबंधी कमी जैसी तकनीकों का उपयोग करते हैं। फेनोमेनिज्म मन के दर्शन, ज्ञानमीमांसा और सौंदर्यशास्त्र जैसे क्षेत्रों में प्रभावशाली रहा है, और वास्तविकता की प्रकृति के बारे में बहस में योगदान दिया है। , ज्ञान, और व्यक्तिपरकता। घटनावाद से जुड़ी कुछ प्रमुख हस्तियों में विलियम जेम्स, फ्रेडरिक नीत्शे और हेनरी बर्गसन शामिल हैं। घटनाविज्ञान और घटनावाद के बीच कुछ प्रमुख अंतरों में शामिल हैं:
1. फोकस: फेनोमेनोलॉजी सचेतन अनुभव या धारणा के अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करती है, जबकि फेनोमेनिज्म वस्तुनिष्ठ वास्तविकता पर सचेत अनुभव की प्रधानता पर जोर देती है।
2। कार्यप्रणाली: फेनोमेनोलॉजिस्ट सचेत अनुभव की अंतर्निहित संरचनाओं और अर्थों को उजागर करने के लिए आत्मनिरीक्षण और फेनोमेनोलॉजिकल कमी जैसी तकनीकों का उपयोग करते हैं, जबकि फेनोमेनिस्ट अक्सर दार्शनिक तर्क और अंतर्ज्ञान पर भरोसा करते हैं।
3. ऑन्टोलॉजी: फेनोमेनोलॉजी मानती है कि सचेत अनुभव वास्तविकता का एक मौलिक पहलू है, जबकि फेनोमेनिज्म का तर्क है कि सचेत अनुभव ही एकमात्र वास्तविकता है।
4। ज्ञान मीमांसा: घटना विज्ञान वास्तविकता की हमारी समझ को आकार देने में व्यक्तिपरक अनुभव के महत्व पर जोर देती है, जबकि घटनावाद सचेत अनुभव की हमारी समझ को आकार देने में वस्तुनिष्ठ वास्तविकता के महत्व पर जोर देती है।
5. दायरा: फेनोमेनोलॉजी एक व्यापक क्षेत्र है जिसमें दार्शनिक और वैज्ञानिक विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, जबकि फेनोमेनिज्म एक अधिक संकीर्ण रूप से परिभाषित सिद्धांत है जो मुख्य रूप से चेतना और वास्तविकता की प्रकृति पर केंद्रित है।

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