टेंडरिंग क्या है?
टेंडरिंग किसी खरीदार को सामान या सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रस्ताव पेश करने की प्रक्रिया है। इसमें परियोजना के लिए कार्य के दायरे, समयसीमा और मूल्य निर्धारण की रूपरेखा बताते हुए एक विस्तृत बोली जमा करना शामिल है। निविदा देने का उद्देश्य संभावित आपूर्तिकर्ताओं को व्यवसाय के लिए प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देना है, यह सुनिश्चित करना कि खरीदार को उनके पैसे का सर्वोत्तम मूल्य मिले।
निविदा प्रक्रिया में आम तौर पर कई चरण शामिल होते हैं:
1. निविदा आमंत्रण (आईटीटी): खरीदार एक आईटीटी जारी करता है, जो परियोजना की आवश्यकताओं को रेखांकित करता है और संभावित आपूर्तिकर्ताओं को प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित करता है।
2। प्रस्ताव प्रस्तुत करना: आपूर्तिकर्ता अपने प्रस्ताव प्रस्तुत करते हैं, जिसमें उनके उत्पादों या सेवाओं, मूल्य निर्धारण और समयसीमा के बारे में विस्तृत जानकारी शामिल होती है।
3. मूल्यांकन: खरीदार प्रस्तावों का मूल्यांकन करता है, आवश्यकताओं के अनुपालन और पैसे के लिए उनके मूल्य का आकलन करता है।
4. शॉर्टलिस्टिंग: खरीदार मूल्यांकन मानदंडों के आधार पर सबसे उपयुक्त आपूर्तिकर्ताओं को शॉर्टलिस्ट करता है।
5. बातचीत: खरीदार शॉर्टलिस्ट किए गए आपूर्तिकर्ताओं के साथ अनुबंध की शर्तों पर बातचीत करता है।
6. अनुबंध पुरस्कार: खरीदार सफल आपूर्तिकर्ता को अनुबंध प्रदान करता है। निर्माण, आईटी और सरकारी खरीद सहित कई उद्योगों में टेंडरिंग एक आम बात है। यह खरीदारों को कई आपूर्तिकर्ताओं के ऑफ़र की तुलना करने और उनकी आवश्यकताओं और बजट के लिए सर्वश्रेष्ठ चुनने की अनुमति देता है।