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डाइक्रोमेट यौगिकों को समझना: गुण, उपयोग और अनुप्रयोग

डाइक्रोमेट एक प्रकार का रासायनिक यौगिक है जिसमें दो अलग-अलग क्रोमियम (III) आयन होते हैं। क्रोमियम एक संक्रमण धातु है जो तीन अलग-अलग ऑक्सीकरण अवस्थाओं में मौजूद हो सकती है: +2, +3, और +6। डाइक्रोमेट यौगिकों में, क्रोमियम परमाणु +3 अवस्था में होते हैं, जिसका अर्थ है कि उनके बाहरी ऊर्जा स्तर में तीन अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होते हैं। डाइक्रोमेट यौगिक आमतौर पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) जैसे आधार के साथ क्रोमिक एसिड (H2CrO7) पर प्रतिक्रिया करके बनते हैं। प्रतिक्रिया से नमक और पानी बनता है:

H2CrO7 + 2NaOH → Na2CrO4 + 2H2O

परिणामस्वरूप यौगिक, सोडियम डाइक्रोमेट (Na2CrO4) में दो क्रोमियम (III) आयन होते हैं जो प्रत्येक चार ऑक्सीजन परमाणुओं से बंधे होते हैं। इसलिए यौगिक का समग्र सूत्र Na2Cr2O4 है।

डाइक्रोमेट यौगिकों का उपयोग आमतौर पर रासायनिक प्रतिक्रियाओं में ऑक्सीकरण एजेंटों के रूप में किया जाता है, और उनके पास विश्लेषणात्मक रसायन विज्ञान, इलेक्ट्रोप्लेटिंग और जल उपचार जैसे क्षेत्रों में अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला है। इनका उपयोग कपड़ा उद्योग में कपड़ों पर रंगों को ठीक करने के लिए मोर्डेंट के रूप में भी किया जाता है।

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