


द्विबीजपत्री पौधों को समझना: फूल वाले पौधों की विशेषताएं और महत्व
डायकोट ("डाइकोटाइलडॉन" का संक्षिप्त रूप) फूल वाले पौधों का एक समूह है जिनके भ्रूण में दो बीजपत्र (बीज पत्तियाँ) होते हैं। शब्द "डाइकोट" 1840 में फ्रांसीसी वनस्पतिशास्त्री जोसेफ डेकेसने द्वारा गढ़ा गया था, और इसका उपयोग इन पौधों को मोनोकोट से अलग करने के लिए किया जाता है, जिनमें केवल एक बीजपत्र होता है।
डाइकोट गुलाब, मटर, सूरजमुखी सहित पौधों के परिवारों की एक विस्तृत श्रृंखला में पाए जाते हैं। , और अधिकांश अन्य फूल वाले पौधे जो घास या सेज नहीं हैं। वे कई विशेषताओं से पहचाने जाते हैं, जैसे:
* बीज के भ्रूण में दो बीजपत्र
* उनकी पत्तियों में जाल जैसी नसें (जिन्हें रेटिकुलेट वेनेशन कहा जाता है)
* शाखाओं वाले तने जो नोड्स पर उत्पन्न होते हैं (वे बिंदु जहां पत्तियाँ तने से मिलती हैं) * जड़ें जिनमें एक जड़ प्रणाली होती है (एक मुख्य जड़ जो नीचे की ओर बढ़ती है और शाखा जड़ें जो बाहर की ओर फैलती हैं)
डायकोट महत्वपूर्ण फसलें हैं, जैसे गेहूं, चावल, सोयाबीन और मक्का। इनमें गुलाब, डेज़ी और सूरजमुखी जैसे कई सजावटी पौधे भी शामिल हैं।



