


नाज़ीवाद को समझना: अधिनायकवादी विचारधारा की मुख्य विशेषताएं और प्रभाव
नाजीवाद, जिसे राष्ट्रीय समाजवाद के नाम से भी जाना जाता है, एक अधिनायकवादी और फासीवादी विचारधारा है जिसे 1933-1945 की अवधि के दौरान जर्मनी में नाजी पार्टी द्वारा प्रचलित किया गया था। इसकी स्थापना एडॉल्फ हिटलर ने की थी और इसकी विशेषता इसका उग्र राष्ट्रवाद, नस्लवाद, यहूदी-विरोध और अधिनायकवाद है।
"नाज़ीवाद" शब्द पार्टी के नाम से ही गढ़ा गया था, जो पार्टी के पूरे नाम का संक्षिप्त रूप था। जर्मन में: नेशनलसोज़ियालिस्टिस्चे डॉयचे अर्बेइटरपार्टी (नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी)। विचारधारा इस विश्वास पर आधारित थी कि जर्मन एक श्रेष्ठ जाति थे और उन्हें अन्य देशों और नस्लों पर अपना प्रभुत्व जताने की जरूरत थी।
नाजीवाद की कुछ प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं:
1. नस्लवाद: नाज़ियों का मानना था कि कुछ जातियाँ, विशेष रूप से यहूदी, स्लाव और काले लोग, हीन थे और उन्हें समाप्त करने या अधीन करने की आवश्यकता थी।
2. राष्ट्रवाद: नाज़ी जर्मन राष्ट्र की श्रेष्ठता में विश्वास करते थे और इसके क्षेत्र और प्रभाव का विस्तार करना चाहते थे।
3. अधिनायकवाद: नाज़ी एक तानाशाही नेता के साथ एक मजबूत, केंद्रीकृत सरकार में विश्वास करते थे जो दूसरों से परामर्श किए बिना निर्णय ले सकता था।
4. सैन्यवाद: नाज़ियों ने सेना का महिमामंडन किया और माना कि जर्मन राष्ट्र के अस्तित्व और समृद्धि के लिए युद्ध आवश्यक था।
5. सामाजिक डार्विनवाद: नाज़ी "योग्यतम की उत्तरजीविता" की अवधारणा में विश्वास करते थे, जिसे उन्होंने मानव समाजों पर लागू किया, उनका तर्क था कि मजबूत को कमजोरों पर हावी होना चाहिए।
6. साम्यवाद विरोधी: नाजियों ने साम्यवाद को जर्मन समाज के लिए एक खतरे के रूप में देखा और इसे खत्म करने की कोशिश की।
7. प्रचार: नाज़ियों ने जनमत को आकार देने और अपनी विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार का इस्तेमाल किया।
8. समाज का सैन्यीकरण: नाजियों ने शिक्षा, संस्कृति और अर्थव्यवस्था सहित जर्मन समाज के सभी पहलुओं का सैन्यीकरण करने की मांग की।
9. असहमति का दमन: नाज़ियों ने आलोचकों को चुप कराने के लिए सेंसरशिप, कारावास और फांसी जैसी रणनीति का उपयोग करके अपने शासन के किसी भी विरोध को दबा दिया। नाज़ी शासन द्वारा लाखों यहूदियों और लाखों अन्य लोगों को अवांछनीय समझा गया। यह विचारधारा द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यूरोप की तबाही का कारण भी बनी, जिससे लाखों मौतें हुईं और व्यापक विनाश हुआ।



