पशुत्व को समझना: इसके अर्थ और अर्थों के लिए एक मार्गदर्शिका
पशुत्व का तात्पर्य क्रूर, अमानवीय या राक्षसी होने की गुणवत्ता या स्थिति से है। यह जानवर जैसे या क्रूर व्यवहार को भी संदर्भित कर सकता है, खासकर जब इसे किसी इंसान में अस्वीकार्य या अक्षम्य माना जाता है। "जानवर" शब्द का प्रयोग अक्सर किसी ऐसे व्यक्ति का वर्णन करने के लिए किया जाता है जिसने घृणित या क्रूर कार्य किया है, और यह अक्सर दूसरों के प्रति सहानुभूति या करुणा की कमी से जुड़ा होता है। इसका उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति का वर्णन करने के लिए भी किया जा सकता है जिसे क्रूर या असभ्य माना जाता है, जैसे कि वह व्यक्ति जो हिंसक या आक्रामक व्यवहार में संलग्न है। साहित्य और कला में, "पशुत्व" शब्द का प्रयोग अक्सर देखे जाने वाले पात्रों या प्राणियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। राक्षसी या अमानवीय, जैसे राक्षस, दानव, या अन्य अलौकिक प्राणी। इसका उपयोग इन पात्रों के कार्यों या व्यवहारों का वर्णन करने के लिए भी किया जा सकता है, जैसे कि दूसरों के प्रति उनका क्रूर या क्रूर व्यवहार। कुल मिलाकर, पशुता की अवधारणा अत्यधिक क्रूरता, अमानवीयता और दूसरों के लिए सहानुभूति या करुणा की कमी में से एक है। इसे अक्सर हिंसक या आक्रामक व्यवहार से जोड़ा जाता है, और इसे ऐसी चीज़ के रूप में देखा जाता है जो मनुष्यों में अस्वीकार्य या अक्षम्य है।