पोस्टफ़थिसिक को समझना: बीमारी के अवशिष्ट प्रभावों पर एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
पोस्टफिथिसिक एक ऐसी स्थिति या अवस्था को संदर्भित करता है जो किसी व्यक्ति के तपेदिक (फ्थिसिस) जैसी गंभीर बीमारी से उबरने के बाद होती है। यह शब्द अब आमतौर पर आधुनिक चिकित्सा में उपयोग नहीं किया जाता है, लेकिन इसका उपयोग किसी व्यक्ति के ठीक होने के बाद उसके स्वास्थ्य और कल्याण पर बीमारी के अवशिष्ट प्रभावों का वर्णन करने के लिए किया जाता था।
अतीत में, तपेदिक के लिए प्रभावी उपचार के आगमन से पहले, कई लोग जो इस बीमारी से बच गए, उन्हें फेफड़ों की क्षति, थकान और वजन घटाने जैसी लगातार स्वास्थ्य समस्याएं बनी रहीं। इन स्थितियों को पोस्टफिथिसिक लक्षणों के रूप में संदर्भित किया गया था।
आज, पोस्टफिथिसिक शब्द ज्यादातर ऐतिहासिक रुचि का है, और इसका उपयोग अब आधुनिक चिकित्सा पद्धति में नहीं किया जाता है। हालाँकि, किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बीमारी के अवशिष्ट प्रभावों की अवधारणा अभी भी प्रासंगिक है, और इसे अक्सर अन्य शब्दों से संदर्भित किया जाता है, जैसे किसी बीमारी के "देर से प्रभाव" या "दीर्घकालिक परिणाम"।