


पोस्ट-लिनियन जीवविज्ञान को समझना: प्रगति और नई प्रौद्योगिकियाँ
पोस्ट-लिनियन स्वीडिश वनस्पतिशास्त्री और वर्गीकरणशास्त्री कार्ल लिनिअस की मृत्यु के बाद की अवधि को संदर्भित करता है, जिन्हें आधुनिक वर्गीकरण का जनक माना जाता है। लिनिअस ने द्विपद नामकरण की प्रणाली विकसित की, जो प्रजातियों के आधुनिक वैज्ञानिक नामकरण का आधार है। उन्होंने एक पदानुक्रमित वर्गीकरण प्रणाली भी विकसित की जो आज भी उपयोग में है, जिसमें राज्य, फाइलम, वर्ग, क्रम, परिवार, जीनस और प्रजातियां प्रमुख श्रेणियां हैं। पोस्ट-लिनियन 1788 में लिनिअस की मृत्यु के बाद की अवधि को संदर्भित करता है। जिसके दौरान प्राकृतिक दुनिया की हमारी समझ और जीवों के अध्ययन और वर्गीकरण के लिए नई विधियों और प्रौद्योगिकियों के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति हुई। इस अवधि में नए वर्गीकरण प्रणालियों का विकास देखा गया, जैसे कि विभिन्न प्रजातियों के बीच संबंधों को निर्धारित करने के लिए डीएनए अनुक्रमण का उपयोग, और नए साम्राज्यों और फ़ाइला की पहचान जिन्हें लिनिअस द्वारा मान्यता नहीं दी गई थी। संक्षेप में, पोस्ट-लिनियन अवधि को संदर्भित करता है कार्ल लिनिअस की मृत्यु के बाद का समय, जिसके दौरान प्राकृतिक दुनिया की हमारी समझ और जीवों के अध्ययन और वर्गीकरण के लिए नई विधियों और प्रौद्योगिकियों के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।



