मोर्सिंग को समझना - एक पारंपरिक भारतीय ताल वाद्य यंत्र
मोर्सिंग एक पारंपरिक भारतीय तालवाद्य यंत्र है, जिसमें दो लकड़ी की छड़ें या छड़ें होती हैं जिन्हें लयबद्ध ध्वनि उत्पन्न करने के लिए एक दूसरे के खिलाफ मारा जाता है। इसका उपयोग आमतौर पर हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत और भारतीय लोक संगीत के अन्य रूपों में किया जाता है। शब्द "मोरसिंग" संस्कृत शब्द "मृदंगम" से लिया गया है, जिसका अर्थ है "ड्रम।" मोर्सिंग आमतौर पर दो संगीतकारों द्वारा बजाया जाता है, एक बड़ी छड़ी बजाता है जिसे "डायन" कहा जाता है और दूसरा छोटी छड़ी बजाता है जिसे "पखावज" कहा जाता है। ।" डायन को एक हाथ में पकड़कर दूसरे हाथ में पकड़े पखावज पर बजाया जाता है। पखावज को आमतौर पर गोद में या छोटी मेज पर रखा जाता है। मोर्सिंग का उपयोग जटिल लयबद्ध पैटर्न बजाने के लिए किया जाता है और यह हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका उपयोग भारतीय संगीत के अन्य रूपों जैसे हल्के शास्त्रीय संगीत और लोक संगीत में भी किया जाता है।