


वावसौर्स को समझना: मध्यकालीन इंग्लैंड की सामंती व्यवस्था पर एक नजर
मध्ययुगीन इंग्लैंड में वावसौर्स एक प्रकार के सामंती किरायेदार थे, जो कुछ शर्तों पर एक स्वामी से जमीन लेते थे। शब्द "वावासौर" पुराने फ्रांसीसी शब्द "वासौर" से आया है, जिसका अर्थ है "किरायेदार" या "नौकर।"
वावासौर आमतौर पर शूरवीर या निम्न सामाजिक स्थिति के अन्य व्यक्ति थे, जो सैन्य सेवा और अन्य दायित्वों के बदले में एक स्वामी से जमीन लेते थे। . वे सीधे तौर पर राजा के जागीरदार नहीं थे, बल्कि वे अपनी जमीन सीधे एक ऐसे स्वामी से लेते थे जो खुद राजा का जागीरदार होता था। इसने उन्हें सच्चे जागीरदारों की तुलना में अधिक दासों की तरह बना दिया, क्योंकि उनके पास सच्चे जागीरदारों के समान स्वतंत्रता या स्वायत्तता का स्तर नहीं था। वासोर्स को अक्सर अपने स्वामी को सैन्य सेवा, साथ ही श्रम और श्रद्धांजलि के अन्य रूप प्रदान करने की आवश्यकता होती थी। उनके पास कुछ कानूनी अधिकार और सुरक्षाएं भी थीं, जैसे कि लॉर्ड के दरबार में न्याय का अधिकार और उनकी भूमि को विरासत में देने का अधिकार।
वैवेसरी की प्रणाली मध्ययुगीन इंग्लैंड में सामंती व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी, क्योंकि यह लॉर्ड्स को नियंत्रण बनाए रखने की अनुमति देती थी। उनकी ज़मीनों और किरायेदारों पर, साथ ही उन्हें उनकी शक्ति और स्थिति को बनाए रखने के लिए आवश्यक सैन्य और आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई।



