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वीर्य को समझना: संरचना, कार्य और महत्व

वीर्य वह गाढ़ा, सफेद तरल पदार्थ है जो स्खलन के समय पुरुष के लिंग से निकलता है। इसमें शुक्राणु कोशिकाएं होती हैं, जो अंडे को निषेचित कर सकती हैं और गर्भावस्था का कारण बन सकती हैं, साथ ही प्रोटीन, शर्करा और खनिज जैसे अन्य पदार्थ भी होते हैं। वीर्य का उत्पादन पुरुष प्रजनन प्रणाली में प्रोस्टेट ग्रंथि, वीर्य पुटिकाओं और अन्य ग्रंथियों द्वारा किया जाता है।

वीर्य कई घटकों से बना होता है, जिनमें शामिल हैं:

1. शुक्राणु कोशिकाएं: ये छोटी कोशिकाएं होती हैं जिनमें बच्चा पैदा करने के लिए आवश्यक आनुवंशिक सामग्री का आधा हिस्सा होता है। वे वृषण में उत्पन्न होते हैं और वीर्य की कुल मात्रा का केवल एक छोटा सा प्रतिशत बनाते हैं।
2. वीर्य द्रव: यह वह तरल है जो स्खलन के दौरान शुक्राणु कोशिकाओं को शरीर से बाहर निकालता है। यह पुरुष प्रजनन प्रणाली में प्रोस्टेट ग्रंथि, वीर्य पुटिकाओं और अन्य ग्रंथियों द्वारा निर्मित होता है।
3. फ्रुक्टोज: यह एक प्रकार की चीनी है जो शुक्राणु कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करती है और उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करती है।
4. प्रोटीन: ये शुक्राणु कोशिकाओं के विकास और कार्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
5. खनिज: वीर्य में थोड़ी मात्रा में जिंक, पोटेशियम और सोडियम जैसे खनिज होते हैं।
6. हार्मोन: वीर्य में टेस्टोस्टेरोन और इनहिबिन जैसे हार्मोन होते हैं, जो पुरुष प्रजनन प्रणाली को विनियमित करने में भूमिका निभाते हैं। कुल मिलाकर, वीर्य पुरुष प्रजनन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और यह प्रजनन क्षमता और प्रजनन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालाँकि, यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वीर्य यौन संचारित संक्रमणों (एसटीआई) का वाहक हो सकता है, इसलिए इन संक्रमणों के प्रसार को रोकने के लिए सुरक्षित यौन व्यवहार महत्वपूर्ण हैं।

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