सिख धर्म में खिरका का महत्व
खिरका सिख पुरुषों द्वारा पहना जाने वाला एक पारंपरिक परिधान है। यह एक लंबा, ढीला-ढाला अंगरखा है जो आम तौर पर कपास या रेशम से बना होता है और इसे शर्ट और अंडरशॉर्ट्स के ऊपर पहना जाता है। खिरका सिख धार्मिक ड्रेस कोड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे सिख धर्म का पालन करने वाले पुरुषों द्वारा पहना जाता है। खिरका आमतौर पर सफेद रंग का होता है और इसमें लंबी आस्तीन और ऊंची नेकलाइन होती है। इसे अक्सर दस्तार (पगड़ी) और पाजामा (ढीले-फिटिंग पैंट) की एक जोड़ी के साथ पहना जाता है। खिरका को आध्यात्मिकता और विनम्रता का प्रतीक माना जाता है, और इसे सिख पुरुषों द्वारा उनके विश्वास के प्रति समर्पण के संकेत के रूप में पहना जाता है। धार्मिक महत्व के अलावा, खिरका का सिख समुदाय में सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी है। इसे अक्सर शादियों और त्योहारों जैसे विशेष अवसरों पर पहना जाता है और इसे सिख पहचान और विरासत के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।