स्वैगिंग क्या है? प्रक्रिया के प्रकार और अनुप्रयोग
स्वैगिंग किसी धातु की छड़ या ट्यूब को डाई का उपयोग करके फोर्जिंग करके उसके व्यास को कम करने की एक प्रक्रिया है। डाई का व्यास मूल छड़ या ट्यूब से छोटा होता है, और धातु को हाइड्रोलिक प्रेस या हथौड़े का उपयोग करके डाई में निचोड़ा जाता है। इससे धातु विकृत हो जाती है और व्यास कम हो जाता है। स्वैगिंग का उपयोग आमतौर पर पिन, रिवेट्स और बोल्ट जैसे भागों के निर्माण में किया जाता है, जहां छोटे व्यास की आवश्यकता होती है। इसका उपयोग ट्यूबिंग और पाइप के उत्पादन में भी किया जाता है, जहां अंदर के व्यास को कम करने की आवश्यकता होती है। विभिन्न प्रकार की स्वैगिंग प्रक्रियाएं होती हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. हॉट स्वैगिंग: इस प्रक्रिया में धातु को डाई में डालने से पहले गर्म करना शामिल है। इससे धातु का विरूपण आसान हो जाता है और इसके परिणामस्वरूप व्यास में अधिक सटीक कमी आ सकती है।
2। कोल्ड स्वैजिंग: इस प्रक्रिया में कमरे के तापमान पर धातु को फोर्ज करना शामिल है। इसका उपयोग आम तौर पर नरम धातुओं के लिए किया जाता है जो गर्म स्वैगिंग के लिए आवश्यक उच्च तापमान का सामना नहीं कर सकते।
3. रोटरी स्वैगिंग: इस प्रक्रिया में धातु बनाते समय डाई को घुमाना शामिल है, जो बल को समान रूप से वितरित करने और टूटने या विरूपण के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
4। प्रगतिशील स्वैगिंग: इस प्रक्रिया में चरणों की एक श्रृंखला में धातु को गढ़ना शामिल है, प्रत्येक चरण में व्यास को थोड़ी मात्रा में कम किया जाता है। यह अंतिम व्यास पर अधिक सटीक नियंत्रण की अनुमति देता है और परिणामस्वरूप अधिक सुसंगत उत्पाद प्राप्त कर सकता है।